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सोरायसिस :Psoriasis घरेलू उपचार

सोरायसिस :Psoriasis घरेलू उपचार

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 सोरायसिस :Psoriasis घरेलू उपचार Symptoms and Treatment in Hindi

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परिचय :

सोरायसिस(अपरस/ Psoriasis) एक प्रकार का चर्मरोग है जो संक्रामक होता है। यह रोग सर्दियों के मौसम मे होता है। यह रोग उन व्यक्तियों को होता है जो अधिक परेशानियों से घिरे रहते हैं। इस रोग का प्रभाव व्यक्तियों की कलाइयों, कोहनियों, कमर, हथेलियों तथा कंधों पर होता है

लक्षण :

जब यह रोग किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग पर होता है तो उस भाग की त्वचा का रंग गुलाबी हो जाता है और फिर उस पर सफेद खुरंट जम जाते हैं। जब ये खुरंट छूटते हैं तो त्वचा से रक्त निकलने लगता हैं।

विभिन्न औषधियों से उपचार :Psoriasis ka ayurvedic ilaj

1. फिटकरी : भुनी फिटकरी, आमलासार गंधक, भुना हुआ सुहागा और शक्कर को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सफेद वैसलीन में मिलाकर रोजाना 2-3 बार त्वचा पर लगाने से सोरायसिस के रोग में लाभ होता है।

2. आंवला : 4 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण और 2 ग्राम हल्दी का चूर्ण थोड़े दिनों तक पानी या दूध के साथ रोजाना 2 बार पीने से खून साफ हो जाता है और त्वचा के दूसरे रोग खाज-खुजली आदि दूर हो जाते हैं।

3. शिलारस : शिलारस को 4 गुना तेल में मिलाकर त्वचा पर लगाने से सोरायसिस, खाज-खुजली आदि त्वचा के रोग दूर हो जाते हैं।

4. गंधक : असली गंधक को सरसों के तेल में मिलाकर धूप में रख दें। तेल के गर्म हो जाने के बाद उस तेल से जहां पर सोरायसिस रोग (चमड़ी का फट जाना) हो वहां पर लगाने से लाभ होता है।

5. तिल : काले तिल और बावची को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 10 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम खाने से खून साफ हो जाता है और अपरस (psoriasis )का रोग दूर हो जाता है।

6. काकड़ासिंगी : पुराने से पुराने त्वचा के रोग में काकड़सिंगी का लेप करने से लाभ होता है।

प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

• सोरायसिस(अपरस) रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को कम से कम 7 से 15 दिनों तक फलों का सेवन करना चाहिए और उसके बाद फल-दूध पर रहना चाहिए।

• सोरायसिस(अपरस) रोग से पीड़ित व्यक्ति को यदि कब्ज की शिकायत हो तो उसे गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए । जिसके फलस्वरूप रोगी का यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

• सोरायसिस / Psoriasis रोग से पीड़ित रोगी को उपचार करने के लिए सबसे पहले उसके शरीर के दाद वाले भाग पर थोड़ी देर गर्म तथा थोड़ी देर ठण्डी सिंकाई करके गीली मिट्टी का लेप करना चाहिए। इसके फलस्वरूप सोरायसिस(अपरस)रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

• रोगी व्यक्ति के सोरायसिस(अपरस)वाले भाग को आधे घण्टे तक गर्म पानी में डुबोकर रखना चाहिए तथा इसके बाद उस पर गर्म गीली मिट्टी की पट्टी लगाने से लाभ होता है।

• रोगी व्यक्ति को कुछ दिनों तक प्रतिदिन गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए और फलों का रस पीकर उपवास रखना चाहिए। इसके फलस्वरूप अपरस (psoriasis )रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

• सोरायसिस(अपरस) रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को दाद वाले भाग पर रोजाना कम से कम 2 घण्टे तक नीला प्रकाश डालना चाहिए।

• आसमानी रंग की बोतल के सूर्यतप्त जल को 25 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन दिन में 4 बार पीने से अपरस(psoriasis ) रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

• सोरायसिस/ Psoriasis रोग से पीड़ित रोगी को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

• रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह के समय में स्नान करना चाहिए और उसके बाद घर्षण स्नान करना चाहिए और सप्ताह में 2 बार पानी में नमक मिलाकर स्नान करना चाहिए।

• रोगी को अपने शरीर के सोरायसिस(अपरस) वाले भाग को प्रतिदिन नमक मिले गर्म पानी से धोना चाहिए और उस पर जैतून का तेल या हरे रंग की बोतल व नीली बोतल का सूर्यतप्त तेल लगाना चाहिए। इसके फलस्वरूप यह रोग ठीक हो जाता है।

• रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन अपने शरीर के रोगग्रस्त भाग पर नीला प्रकाश डालना चाहिए। इसके अलावा रोगी को रोजाना हल्का व्यायाम तथा गहरी सांस लेनी चाहिए। जिसके फलस्वरूप यह रोग ठीक हो जाता है।

दाद खाज और खुजली का देसी घरेलु इलाज khujli home treatment

त्वचा पर दाद(daad) हो जाये तो कई बार इसके साथ फुंसियां भी हो जाती है और उनमें पस भरने लगती है। खुजली खारिश के उपचार के लिए जरुरी है की साफ़ सफाई का ध्यान रखे। शरीर को साफ़ रखे और साफ़ सुथरे कपड़े पहने। अगर सही तरीके से और सही समय पर इचिंग का इलाज किया जाये तो इस समस्या को बढ़ने से रोक सकते है।

कारण :

★ गर्मी के मौसम में शरीर में बहुत ज्यादा पसीना आता है और जब यह पसीना त्वचा पर सूख जाता है तो खुजली पैदा हो जाती है।

★ बाहर निकलने पर जब धूल-मिट्टी शरीर पर लगती है तो भी खुजली पैदा हो जाती है।

★ रोजाना न नहाना भी खुजली होने का बहुत बड़ा कारण है।

★ सर्दी के मौसम में ठंड़ी हवा जब शरीर में लगती है तो शरीर की त्वचा सूखकर खुरदरी सी हो जाती है और उसमें तेज खुजली होने लगती है

ज्यादा जोर से खुजालने पर त्वचा में निशान से पड़ जाते हैं और उनमें तेज जलन होती है। खुजली एक फैलने वाला रोग है। घर के अन्दर अगर किसी एक व्यक्ति को खुजली हो जाती है तो उसके साथ वाले सारे लोग भी खुजली के शिकार हो जाते हैं।

दाद खाज खुजली का इलाज और घरेलू नुस्खे :khujli ka ilaj

१- तुलसी : तिल्ली के तेल में तुलसी का रस मिलाकर लगाने से कुछ ही दिनों में खुजली(daad /khaj /khujli) दूर हो जाती है।

२- पीपल :

• पीपल की छाल को पीसकर देसी घी के अन्दर मिला लें और इसे खुजली वाली जगह पर लगायें। इससे खुजली जल्द ही दूर हो जाती है।

• खाज, खुजली के रोग में 50 ग्राम पीपल की छाल की राख तथा जरूरत के अनुसार चूना और घी मिलाकर अच्छी प्रकार से खरल करके लेप करने से लाभ होता है।

• पीपल की छाल का 40 मिलीलीटर काढ़ा रोजाना सुबह-और शाम को रोगी को पिलाने से खुजली मिट जाती है।

३- नींबू :

• केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली ठीक हो जाती है।

• 20 मिलीलीटर नींबू के रस में 25 ग्राम मुलतानी मिट्टी और 10 ग्राम कालीमिर्च को पीसकर उसका लेप करने से खुजली मिट जाती है।

• चमेली के तेल में बराबर मात्रा में नींबू का रस मिलाकर शरीर पर मालिश करने से सूखी खुजली दूर हो जाती है।

• चंदन के तेल में नींबू का रस मिलाकर खुजली वाली जगह पर रोजाना 6-7 बार लगाने से खुजली में आराम आता है।

• अगर शरीर में दाद, खुजली, गंज हो तो केले के गूदे को पीसकर नींबू के रस में मिला लें और लगायें। इससे खुजली दूर हो जाती है।

४- नारियल :

• नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर मालिश करने या नींबू को वैसे ही चूसने से खुजली मिट जाती है।

• 10 ग्राम पिसी हुई गंधक को 100 मिलीलीटर नारियल के तेल में मिलाकर कई बार खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।

• 20 मिलीलीटर नारियल के तेल में 10 मिलीलीटर नींबू के रस को मिलाकर लेप करने से खुजली ठीक हो जाती है।

• 100 मिलीलीटर नारियल के तेल को थोड़ा सा गर्म करके उसमें 10 ग्राम कपूर को मिलाकर लगाने से खुजली तुरन्त ही मिट जाती है। कपूर में त्वचा को सुन्न करने का गुण मौजूद होता है।

• 50 मिलीलीटर नारियल के तेल में 10 ग्राम कपूर को मिलाकर शरीर पर लेप करने से खुजली मिट जाती है।

• 50 मिलीलीटर नारियल के तेल में नींबू के रस को मिलाकर मालिश करने से खुजली में आराम होता हैं।

५- आक :

• आक के फूलों का गुच्छा तोड़ने पर जो दूध निकलता है उसमें नारियल का तेल मिलाकर त्वचा पर लगाने से खुजली जल्दी दूर हो जाती है।

• 100 मिलीलीटर आक का दूध, 400 मिलीलीटर तिल या सरसों का तेल, 200 मिलीलीटर हल्दी चूर्ण और 15 ग्राम मैनसिल ले लें। पहले मैनसिल और हल्दी को पानी में पका लें। फिर दूध मिलाकर लेप सा बना लें। अब इसमें तेल और 2 लीटर पानी मिलाकर गर्म कर लें। इस तेल को लगाने से खाज-खुजली, पामा आदि चर्म रोग दूर हो जाते हैं, इसे अर्श (बवासीर) के मस्सो पर बराबर लगाने से वह सूखकर झड़ जाते हैं।

• 10 मिलीलीटर आक (मदार) के दूध में 50 मिलीलीटर सरसों का तेल मिलाकर आग पर पकाने के लिये रख दें। जब पकते-पकते दूध जल जाये तो इसे आग पर से उतारकर बचे हुये तेल से शरीर पर मालिश करने से कुछ ही समय में खुजली बिल्कुल दूर हो जाती है।

• 1 लीटर आक के पत्तों का रस, 50 ग्राम हल्दी का चूर्ण और आधा किलो सरसों के तेल को हल्की आग पर पका लें। पकने पर सिर्फ तेल शेष रहने पर छानकर शीशी में भर लें। इसकी मालिश से खाज-खुजली आदि रोग दूर हो जाते हैं। यह 2-4 बूंदे कान में टपकाने से कान का दर्द भी मिट जाता है।

• 1 लीटर आक (मदार) के ताजे पत्तों का रस, 2 लीटर गाय का दूध, 6-6 ग्राम सफेद चंदन, लाल चंदन, हल्दी, सोंठ और सफेद जीरा को एकसाथ पीसकर चूर्ण बनाकर 1 किलाग्राम घी में पकाएं। पकने पर सिर्फ घी शेष रहने पर छानकर रख लें। इसकी मालिश करने से खुजली-खाज आदि रोग दूर हो जाते हैं।

• 10 लीटर आक के दूध को 50 लीटर सरसों के तेल में पका लें। सिर्फ तेल बाकी रहने पर या दूध के जल जाने पर इसे सुरक्षित रख लें। इस तेल की दिन में 2 बार मालिश करें और 3 घंटे तक स्नान न करें। इससे कुछ दिनों में ही खुजली पूरी तरह से दूर हो जाती है।

• आक के 21 पत्तों को 125 लीटर सरसों के तेल में जलाकर फिर उसमें थोड़ा मैनसिल घोट कर रख लें। इसकी मालिश से भी खुजली में पूरा लाभ होता है।

• आक का दूध छाया में सुखाकर व कड़वे तेल में मिलाकर मालिश करने से खुजली आदि रोगों में लाभ होता है।

• आक (मदार) के 10 सूखे पत्तों को सरसों के तेल में उबालकर जला लें। फिर इस तेल को छानकर ठंड़ा होने पर इसमें कपूर की 4 टिकियों का चूर्ण अच्छी तरह मिलाकर शीशी में भर लें। इस तेल को खाज-खुजली (daad /khaj /khujli)वाले अंगो पर रोजाना 3 बार लगाने से लाभ होता है।

६- कपूर :

• कपूर को चमेली के तेल में मिलाकर शरीर पर मालिश करने से खुजली दूर हो जाती है।

• 10 ग्राम कपूर, 10 ग्राम सफेद कत्था और 5 ग्राम सिंदूर को इकट्ठा करके कांसे के बर्तन में डालें और उसमें ऊपर से 100 ग्राम घी डालकर हाथ से मसलकर उसे 121 बार पानी से धोये। इस मरहम को शरीर में खुजली वाले भागों तथा सडे़ गले जख्मों पर लगाने से खुजली ठीक हो जाती है।

७- त्रिफला : 20 से 90 मिलीलीटर त्रिफला के रस को रोजाना 4 बार पीने से खून साफ हो जाता है और खाज-खुजली के साथ त्वचा के दूसरे रोग भी दूर हो जाते हैं।

एक्जिमा : Eczema

एक्जिमा क्यों होता है:

How to Treat Eczema Naturally in Hindi. eczema ke gharelu upay in Hindi.

एक्जिमा रोग शरीर के किसी भी भाग में एक गोल आकार के दाने के रूप में पैदा हो जाता है। एक्जिमा में हर समय खुजली होती रहती है जो 2 तरह की होती है- सूखी (dry eczema)और तर।

कारण : eczema ka karan

★ एक्जिमा (Eczema)शरीर में खून की खराबी के कारण होता है। एक्जिमा होने पर अगर तुरन्त ही इसकी चिकित्सा न कराई जाए तो ये बहुत तेजी से पूरे शरीर में फैलता है।

★ कुछ लोगों में एक्जिमा सफाई नहीं रखने और भोजन में लापरवाही बरतने की वजह से कई सालों तक बना रहता है।

★ एक्जिमा से संक्रमित व्यक्ति के जख्म को छूने से दूसरे लोग भी एक्जिमा के शिकार हो जाते हैं।

★ हाजमे की खराबी की वजह से कब्ज (गैस) बन जाने के कारण भी एक्जिमा हो जाता है।

★ औरतों में मासिकधर्म से सम्बंधित रोगों के कारण भी एक्जिमा हो जाता है।

लक्षण : eczema ke lakshan in hindi

★ एक्जिमा रोग की शुरुआत में रोगी को तेज खुजली होती है।

★ बार-बार खुजली करने पर उसके शरीर में छोटी-छोटी फुंसियां निकल आती हैं। इन फुंसियों में बहुत तेज जलन और खुजली होती है। ★ फुंसियों के पक जाने पर उसमें से मवाद बहता रहता है।

★ फुंसियों के जब जख्म बन जाते हैं तो उसमें से पूरी तरह मवाद बहने लगता है।

परहेज :

★ एक्जिमा रोग में रोगी को खून साफ करने वाली औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।

★ एक्जिमा रोग में रोजाना नीम के साबुन से नहाना चाहिए।

★ एक्जिमा रोग में रोगी को भोजन में खट्टी-मीठी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

इसे भी पढ़े :दाद खाज खुजली के 7 रामबाण घरेलु उपचार | Daad Khaj Khujli ka ilaj in hindi

विभिन्न औषधियों से उपचार:Eczema Ayurvedic Treatment In Hindi

1. कटहल : कटहल के पत्तों पर घी लगाकर एक्जिमा पर बांधने से आराम आता है।

2. अजवायन : अजवायन को पानी के साथ पीसकर लेप करने से एक्जिमा कुछ दिनों में ही समाप्त हो जाता है।

3. मकोय : मकोय के रस में अंकोल के बीजों को पीसकर लगाने से एक्जिमा के निशान समाप्त हो जाते हैं।

4. जीरा : 1 ग्राम भुने हुए जीरे को 10 ग्राम मिश्री के साथ पीसकर और नींबू के रस के साथ मिलाकर रोजाना सुबह और शाम पीने से एक्जिमा रोग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

5. आम : एक्जिमा को थोड़ा सा खुजलाकर उस पर आम के डंठल से निकले रस को लगाने से एक्जिमा रोग समाप्त हो जाता है।

6. नारियल : नारियल के तेल और कपूर को अच्छी तरह मिलाकर एक्जिमा वाले स्थान पर लगाने से एक्जिमा का रोग दूर हो जाता है।

7. तिल : 1 लीटर तिल के तेल में 250 ग्राम कनेर की जड़ को जलाकर छान लें। इस तेल में जड़ को डालकर काफी देर तक उबालने से जड़ जल जाती है। इस तेल को रोजाना साफ रूई से एक्जिमा पर सुबह और शाम लगाने से एक्जिमा कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाता है।

8. सत्यानाशी : सत्यानाशी के पौधे के ताजे रस में पानी मिलाकर भाप द्वारा उसका अर्क (रस) तैयार करें। यह 25 मिलीलीटर अर्क (रस) सुबह और शाम पीने से एक्जिमा और त्वचा की दूसरी बीमारियां कुछ ही समय में समाप्त हो जाती हैं।

9. वासा : वासा के कोमल पत्तों को हल्दी में मिलाकर गौमूत्र (गाय का पेशाब) के साथ पीसकर लेप करने से एक्जिमा रोग दूर हो जाता है।

10. नीम :

★   नीम के गुलाबी पत्ते लेकर तेल में काफी देर तक पकाएं। इस तेल को एक्जिमा पर लगाने से बहुत आराम आता है।

★   नीम के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से खून साफ होकर खून की खराबी से होने वाले सारे रोग दाद, खुजली, फुंसियां आदि नष्ट हो जाते हैं।

★   नीम के पत्तों को पानी में उबालकर एक्जिमा को साफ करें। फिर उस जगह पर नींबू का रस और तुलसी के पत्तों को पीसकर लेप करने से एक्जिमा रोग ठीक हो जाता है।

11. आक : 10 ग्राम आक (मदार) के दूध को 50 मिलीलीटर सरसों के तेल में पकाकर एक्जिमा पर लगाने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

12. प्याज : प्याज के बीजों को पीसकर लेप करने से 8 से 10 सप्ताह में एक्जिमा समाप्त हो जाता है।

13. त्रिफला :

★   त्रिफला, नीम की छाल और परवल के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इस काढ़े से एक्जिमा के दाद को साफ करने से यह रोग जल्दी खत्म हो जाता है।

★   त्रिफला, कुटकी, बच, दारूहल्दी, मजीठ, गिलोय और नींबू की छाल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को रोजाना 3-4 बार पीने से एक्जिमा कुछ दिनों में ही समाप्त हो जाता है।

14. चंदन : चंदन बला लक्षादि तेल को सूखी खुजली या एक्जिमा में खुजलाकर रोजाना 3 से 4 बार लगाने से लाभ होता है।

15. राई : राई को सिरके के साथ पीसकर लेप करने से एक्जिमा रोग में आराम आता है।

16. कूठ : कूठ के चूर्ण को मक्खन के साथ अच्छी तरह मिलाकर हल्के-हल्के मालिश करने से कुछ सप्ताह में ही एक्जिमा रोग सही हो जाता है।

17. कालीमिर्च : ज्योतिष्मती (मालकांगनी) के पत्तों को कालीमिर्च के साथ पीसकर लेप करने से एक्जिमा रोग समाप्त हो जाता है।

18. पालक : पालक की जड़ को नींबू के रस में पीसकर लगाने से एक्जिमा रोग ठीक हो जाता है।

19. तुलसी : तुलसी के पत्तों के रस में घी को मिलाकर किसी कांसे के बर्तन में अच्छी तरह घोटकर लेप करने से एक्जिमा से छुटकारा मिलता है।

20. कुटकी :

★   कुटकी और चिरायता को हल्का सा गर्म करके इससे एक्जिमा ग्रस्त भाग को साफ करने से लाभ होता है।

★   5-5 ग्राम कुटकी और चिरायता को किसी कांच के बर्तन में भरकर रख दें। फिर उसमे रात के समय 100 मिलीलीटर पानी को डाल दें। सुबह उठने पर इस पानी को छानकर पीने से एक्जिमा कुछ ही समय में समाप्त हो जाता है। बाकी बचे चिरायता और कुटकी को रात को सोने से पहले पानी में डालकर रख दें। सुबह उठने पर उसे छानकर पीने से खून साफ हो जाता है।

21. गंधक : शुद्ध गंधक और मिश्री को मिलाकर रख लें। इस मिश्रण में से 3 से 6 ग्राम की मात्रा में रोजाना 2 बार सुबह और शाम सेवन करने से हर तरह की खाज-खुजली या एक्जिमा रोग समाप्त हो जाता है।

खुजली के सबसे बेहतरीन 15 घरेलू उपचार |15 Natural Remedies for Itching

परिचय :

अगर हमारे शरीर में कहीं भी कुछ हलचल हो रही है या ऐसा लग रहा हो कि कुछ काट रहा है तो हम शरीर के उस हिस्सें को हाथों से रगड़ देते हैं तो हमें थोड़ी शान्ति मिलती है इसे ही खाज-खुजली कहते हैं। यह “सारकोप्टीस स्केवी´´ नाम के रोगाणु से फैलती है और यह मुख्यत: दो तरह की होती है- तर (गीली) और सूखी।

कारण :

गर्मी के मौसम में शरीर में बहुत ज्यादा पसीना आता है और जब यह पसीना त्वचा पर सूख जाता है तो खुजली पैदा हो जाती है। बाहर निकलने पर जब धूल-मिट्टी शरीर पर लगती है तो भी खुजली पैदा हो जाती है। रोजाना न नहाना भी खुजली होने का बहुत बड़ा कारण है। सर्दी के मौसम में ठंड़ी हवा जब शरीर में लगती है तो शरीर की त्वचा सूखकर खुरदरी सी हो जाती है और उसमें तेज खुजली होने लगती है ज्यादा जोर से खुजालने पर त्वचा में निशान से पड़ जाते हैं और उनमें तेज जलन होती है। खुजली एक फैलने वाला रोग है। घर के अन्दर अगर किसी एक व्यक्ति को खुजली हो जाती है तो उसके साथ वाले सारे लोग भी खुजली के शिकार हो जाते हैं।

लक्षण :

खुजली बहुत तेजी से फैलने वाला त्वचा का रोग है। इस रोग में सबसे पहले शरीर में छोटी-छोटी फुंसिया निकल जाती है। यह फुंसिया हाथ-पैरो में, उंगलियों में, कलाई के पीछे के भाग में और बगल में ज्यादा निकलती है और धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। यह अक्सर लाल रंग के निशान के रूप में दिखाई देती है। यह खराब चीजों को छूने से, गलत इंजैक्शन के लग जाने के कारण या संक्रमण होने के कारण हो जाती है।

आइये जाने खुजली(Khujli) दूर करने के घरेलू उपाय | Home Remedies for Itching in Hindi

उपचार :

पहला प्रयोगः आश्रम में उपलब्ध लालबूटी में करंज या नीम का तेल मिलाकर मालिश करने से खुजली में लाभ होता है।

दूसरा प्रयोगः पवार (चक्रमर्द) के बीज के चूर्ण में नींबू का रस मिलाकर उसे खुजली वाले स्थान पर लेप करें। पानी के साथ यह चूर्ण सुबह, दोपहर व शाम को आधा तोला मात्रा में खायें तथा मरिच्यादि तेल की मालिश करें। नीम के काढ़े से स्नान करें। एवं आरोग्यवर्धिनीवटी नं. 1 की दो-दो गोली पानी के साथ लेवें।

सिर में फुन्सी एवं खुजलीः सिर पर नींबू का रस और सरसों का तेल समभाग में मिलाकर लगाने से और बाद में दही रगड़कर धोने से कुछ ही दिनों में सिर का दारुण रोग मिटता है। इस रोग में सिर में फुंसियाँ एवं खुजली होती है।


विभिन्न औषधियों से उपचार-

1.संतरा : संतरे के छिलकों को चटनी की तरह पीसकर शरीर में जहां पर खुजली(Khujli) हो वहां पर लगाने से आराम आता है।

2. तिल्ली :

तिल्ली के तेल और चमेली के तेल को बराबर मात्रा में लेकर खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।

250 मिलीलीटर तिल्ली के तेल में थोड़ी सी दूब (घास) डालकर आग पर पकाने के लिए रख दें। दूब (घास) जब लाल हो जाये तो उसे उतार कर छान लें और इस तेल को खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली ठीक हो जाती है।

3. हरड़ :

चकबड़, हरड़ और कांजी को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।

दूब, हरड़, सेंधानमक, चकबड़ और वनतुलसी को लेकर अच्छी तरह से पानी के साथ पीस लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली कुछ ही समय में ठीक हो जाती है।

2 चम्मच पिसी हुई हरड़ को 2 गिलास पानी में उबालकर छान लें। इस पानी के अन्दर रुमाल को भिगोकर शरीर में जहां पर भी खुजली हो उस भाग को साफ करने से खुजली होना बन्द हो जाती है।

4. गोरखमुण्डी : गोरखमुण्डी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर लेप करने से खुजली दूर हो जाती है।

5. तुलसी : तिल्ली के तेल में तुलसी का रस मिलाकर लगाने से कुछ ही दिनों में खुजली दूर हो जाती है।

6. आंवले : 100 मिलीलीटर चमेली के तेल में 25 मिलीलीटर आंवले का रस मिलाकर शीशी में भरकर रख लें। इसे दिन में 4-5 बार खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।

7. दही : शरीर में जहां पर खुजली हो वहां पर दही को लगाने से खुजली(Khujli) दूर हो जाती है।

8. पित्तपापड़ा : 50 से 100 मिलीलीटर पित्तपापड़ा (शहतरा) के रस को सुबह और शाम पीने से हर प्रकार का रक्तदोष (खून की खराबी) दूर हो जाता है और खाज-खुजली, फोड़े-फुंसी आदि समाप्त हो जाते हैं। यह त्वचा के रंग में भी चमक लाता है।

9. शहद : 6 ग्राम से 10 ग्राम गर्म पानी में शहद मिलाकर 45 से 60 दिन तक लगातार पीने से हर प्रकार के चमड़ी के रोग, लाल चकते (निशान) और खाज-खुजली ठीक हो जाते हैं। यहां तक की यह कोढ़ (कुष्ठ) के रोग में भी आराम पहुंचाता है।

10. त्रिफला : 20 से 90 मिलीलीटर त्रिफला के रस को रोजाना 4 बार पीने से खून साफ हो जाता है और खाज-खुजली के साथ त्वचा के दूसरे रोग भी दूर हो जाते हैं।

11. पीपल :

पीपल की छाल को पीसकर देसी घी के अन्दर मिला लें और इसे खुजली वाली जगह पर लगायें। इससे खुजली जल्द ही दूर हो जाती है।

खाज, खुजली के रोग में 50 ग्राम पीपल की छाल की राख तथा जरूरत के अनुसार चूना और घी मिलाकर अच्छी प्रकार से खरल करके लेप करने से लाभ होता है।

पीपल की छाल का 40 मिलीलीटर काढ़ा रोजाना सुबह-और शाम को रोगी को पिलाने से खुजली मिट जाती है।

12. कूठ : 20 ग्राम कूठ के चूर्ण को मक्खन में मिलाकर लेप करने से खुजली दूर हो जाती है।

13. कलौंजी : 50 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीसकर उसमें 10 ग्राम बिल्व के पत्तों का रस मिला लें। इसमें 10 ग्राम हल्दी मिलाकर लेप करने से खुजली मिट जाती है।

22. हरड़ : हरड़ को गौमूत्र (गाय के पेशाब में) में पीसकर लेप बनाकर रोजाना 2-3 बार एक्जिमा पर लगाने से लाभ होता है।

23. किसी भी प्रकार के चर्म रोगों की औषधि सुबह की बासी लार

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